Protests erupt outside Kasba Police station as 3 arrested in alleged Kolkata college gang rape
भाजपा विधायक और विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी के नेतृत्व में यह प्रस्ताव पेश करने का प्रयास किया गया, लेकिन स्पीकर बिमान बनर्जी ने इसे खारिज कर दिया। स्पीकर ने कहा कि यह मुद्दा पहले ही एक दिन पहले हुई बहस के दौरान उठाया जा चुका है। इसके लिए अलग से कार्य स्थगन प्रस्ताव की आवश्यकता नहीं है।
कोलकाता। पश्चिम बंगाल में हाल ही में हुई दुर्गा पूजा, लक्ष्मी पूजा और कार्तिक पूजा के दौरान धार्मिक स्थलों पर हमलों को लेकर विपक्षी दल भाजपा ने शुक्रवार को विधानसभा में वाकआउट किया। भाजपा विधायकों ने इस मुद्दे पर कार्य स्थगन प्रस्ताव पेश करने की अनुमति न मिलने पर अपनी नाराज़गी व्यक्त की।
भाजपा विधायक और विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी के नेतृत्व में यह प्रस्ताव पेश करने का प्रयास किया गया, लेकिन स्पीकर बिमान बनर्जी ने इसे खारिज कर दिया। स्पीकर ने कहा कि यह मुद्दा पहले ही एक दिन पहले हुई बहस के दौरान उठाया जा चुका है। इसके लिए अलग से कार्य स्थगन प्रस्ताव की आवश्यकता नहीं है।
स्पीकर के इस निर्णय से नाराज़ करीब 40 भाजपा विधायकों ने विधानसभा में बांग्ला भाषा में लिखे नारों के साथ प्रदर्शन किया। इन नारों में लिखा था कि दुर्गा पूजा, लक्ष्मी पूजा और कार्तिक पूजा के दौरान धार्मिक स्थलों पर हमले हुए। इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। राज्य को कार्रवाई करनी चाहिए।
विधायकों ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से इस्तीफे की भी मांग की। उन्होंने कहा कि अगर मुख्यमंत्री राज्य के नागरिकों की जान-माल और धार्मिक अधिकारों की रक्षा नहीं कर सकतीं, तो उन्हें पद छोड़ देना चाहिए।
भाजपा विधायकों ने लगभग 15 मिनट तक सदन में नारेबाजी की। इस पर स्पीकर ने कहा कि अगर आप इस तरह का व्यवहार करते हैं, तो भविष्य में आपको मुद्दे उठाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। मैंने हमेशा आपको अपना पक्ष रखने का मौका दिया है, लेकिन आपको इसका सम्मान करना चाहिए।
इसके बाद भाजपा विधायकों ने सदन से वाकआउट कर दिया। पार्टी के मुख्य सचेतक शंकर घोष ने बताया कि हम कार्य स्थगन प्रस्ताव लाना चाहते थे ताकि लोग जान सकें कि कैसे दुर्गा पूजा के दौरान मटियाब्रुज, फालाकाटा और कार्तिक पूजा के दौरान बेलडांगा में पूजा पंडालों पर हमले हुए। स्थिति चिंताजनक है। पश्चिम बंगाल, बांग्लादेश नहीं है।
उन्होंने आगे कहा कि स्पीकर विपक्ष को इस अहम मुद्दे को उठाने की अनुमति नहीं देना चाहते। हमारे आवाज़ को दबाया जा रहा है, इसलिए हमें वाकआउट करना पड़ा।